अगले साल Tamil Nadu में चुनाव होने वाले हैं। तमिलनाडु की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने यह संकेत दिया है कि वह दोबारा अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हैं, जिससे आगामी 2026 विधानसभा चुनावों से पहले AIADMK और BJP के बीच गठबंधन की संभावनाएं मजबूत होती दिख रही हैं। गौरतलब है की भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने का फैसला किया था और उसे इसका कोई खास फायदा नहीं हुआ था।
Amit Shah से मुलाकात और EPS की शर्तें
BJP के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में AIADMK के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (EPS) से मुलाकात की थी। इसके बाद अन्नामलाई ने भी दिल्ली में शाह से भेंट की। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, शाह ने स्पष्ट कर दिया कि 2026 में DMK को सत्ता से हटाने के लिए BJP-AIADMK गठबंधन आवश्यक है। गौरतलब है कि AIADMK की एक प्रमुख शर्त यही रही है कि वह अन्नामलाई के रहते किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी।
AIADMK और अन्नामलाई के बीच पुराना तनाव
अन्नामलाई और AIADMK के बीच 2023 से ही तल्खी रही है। उस दौरान अन्नामलाई ने AIADMK और DMK पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इससे नाराज होकर AIADMK ने BJP से गठबंधन तोड़ लिया था और अन्नामलाई की तीखी आलोचना की थी। हालांकि, BJP ने तब अन्नामलाई का समर्थन किया और उन्हें लोकसभा चुनाव में कोयंबटूर से उम्मीदवार बनाया।
चुनाव में हार, लेकिन वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी
2024 के लोकसभा चुनाव में BJP और AIADMK दोनों को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन BJP का वोट प्रतिशत पहली बार दो अंकों में पहुंचा। अन्नामलाई खुद चुनाव हार गए, पर उन्हें पार्टी के जनाधार में वृद्धि का श्रेय मिला।
अब आगे क्या?
सूत्रों की मानें तो BJP अब तमिलनाडु में नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने की तैयारी में है, जो AIADMK के साथ सहज संबंध बना सके। नामों की सूची में तिरुनेलवेली से विधायक नैनार नागेन्द्रन और महिला नेता वनथी श्रीनिवासन शामिल हैं। नये अध्यक्ष की जातिगत और भौगोलिक संतुलन को ध्यान में रखकर चयन की संभावना है।
DMK को मिल रही चुनौती
DMK, जो अब तक ‘हिंदी थोपने’ और चुनाव परिसीमन जैसे मुद्दों पर केंद्र को घेर रही थी, अब संभावित BJP-AIADMK गठबंधन से दबाव में आ सकती है। अमित शाह ने EPS को भरोसा दिलाया है कि सीमा पुनर्निर्धारण जैसे मुद्दे निकट भविष्य में केंद्र की प्राथमिकता नहीं हैं।
अन्नामलाई का भविष्य क्या?
हालांकि, अन्नामलाई की भूमिका खत्म नहीं हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ही उनके समर्थक माने जाते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें राज्यसभा में भेजा जा सकता है या संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
तमिलनाडु की राजनीति में 2026 चुनाव से पहले बड़ा फेरबदल होता नजर आ रहा है। BJP और AIADMK, जो कभी विरोध में थे, अब एकजुट होकर DMK को चुनौती देने की तैयारी में हैं। अन्नामलाई के कदम पीछे हटाने के साथ ही यह गठबंधन अब और भी समीचीन होता दिख रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किसे प्रदेश अध्यक्ष बनाती है और AIADMK किस तरह प्रतिक्रिया देती है।