Sentinel Island पर American Tourist Arrest!

Sentinel Island

हिंद महासागर में स्थित एक अत्यंत संवेदनशील और प्रतिबंधित क्षेत्र  North Sentinel Island एक बार फिर सुर्खियों में है। ताज़ा घटना में एक 24 वर्षीय American citizen मिखाइलो विक्ट्रोविच पोलियाकोफ़ को उस द्वीप के पास पहुंचने, वहाँ की आदिम जनजाति से संपर्क बनाने और वीडियो फ़ुटेज रिकॉर्ड करने के आरोप में भारतीय अधिकारियों ने गिरफ़्तार किया है।

यह द्वीप अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का एक हिस्सा है। भारत सरकार ने इसकी पांच किलोमीटर की परिधि तक किसी भी बाहरी व्यक्ति के जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है। इस क्षेत्र में Sentinel Tribes निवास करती है, जो आधुनिक सभ्यता से पूर्णतः कटी हुई है। इनके बारे में यह माना जाता है कि ये हज़ारों वर्षों से पाषाण युग जैसी जीवनशैली में रह रहे हैं।

क्या हुआ है Sentinel Island पर?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, मिखाइलो ने तट से दूर नाव में बैठकर घंटों तक सीटी बजा कर जनजातीय लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। बाद में, वह कुछ मिनटों के लिए तट पर उतरे, जहां उन्होंने केले और नारियल रेत पर रखे, रेत का नमूना लिया और एक सोडा कैन वहीं छोड़कर लौट आए। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो उन्होंने अपने कैमरे में रिकॉर्ड किया। दुनिया से कटी इस जनजाति की सुरक्षा के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन सर्वाइवल इंटरनेशनल ने इस घटना को बेहद परेशान करने वाला बताते हुए कहा कि इस तरह का काम उन जनजातीय आबादियों और पर्यटकों दोनों के जीवन को ख़तरे में डाल सकता है। 

Sentinel Island पर कानून और सुरक्षा को लेकर चिंता

भारत के कानून के तहत यह द्वीप अनधिकृत क्षेत्र के रूप में चिह्नित है, और वहां किसी भी प्रकार की यात्रा, शोध या संपर्क पूरी तरह से अवैध है। यह कानून न केवल उस आदिम जनजाति की सांस्कृतिक और जैविक सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि बाहरी लोगों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। विशेषज्ञों का मानना है कि सेंटिनलीज़ समुदाय को सामान्य बीमारियों जैसे फ्लू, सर्दी, खांसी से लड़ने की भी प्रतिरोधक क्षमता नहीं है। ऐसे में बाहरी संपर्क उनके अस्तित्व के लिए घातक साबित हो सकता है।

पहले भी कर चुके हैं कोशिश

स्थानीय पुलिस के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब मिखाइलो ने द्वीप के पास पहुंचने की कोशिश की हो। पहले भी वह एक बार पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के ज़रिए इस क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर चुके हैं, परन्तु तब होटल स्टाफ द्वारा उन्हें रोक दिया गया था। 

वैश्विक चिंताएं और आदिवासी अधिकार

आदिवासी अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम करने वाले संगठनों ने इस घटना को बेहद चिंताजनक बताया है। उनके अनुसार, सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाने के उद्देश्य से इस तरह की हरकतें न केवल आदिवासी समुदाय को नुकसान पहुंचा सकती हैं, बल्कि बाहरी व्यक्ति की जान भी जोखिम में डाल सकती हैं।

कुछ वर्ष पहले, एक अमेरिकी मिशनरी जॉन एलन चाऊ को सेंटिनलीज़ ने मार दिया था, जब उन्होंने बिना अनुमति वहां पहुंचने की कोशिश की थी। उसके बाद से यह मामला और अधिक संवेदनशील बन गया है। उस समय जॉन एलन चाऊ की लाश तक नहीं मिल पायी थी। 

यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि क्या आधुनिक मानव अपने कौतूहल के चलते पृथ्वी की अंतिम बची हुई आदिम सभ्यताओं के लिए खतरा बनता जा रहा है? भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठन इस दिशा में कठोर कदम उठा रहे हैं, लेकिन बार-बार हो रही घटनाएं दर्शाती हैं कि और अधिक सजगता व तकनीकी निगरानी की आवश्यकता है। सेंटिनलीज़ जैसे समुदायों को उनकी स्वायत्तता और प्राकृतिक जीवन जीने के अधिकार के साथ सुरक्षित रखना एक साझा वैश्विक जिम्मेदारी है।

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