Gujarat के Ahmedabad Airport से London जा रहा एयर इंडिया का विमान AI-171 गुरुवार को टेकऑफ़ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे से पहले पायलट ने ‘मेडे कॉल‘ दी थी, जो किसी भी विमान इमरजेंसी की सबसे गंभीर चेतावनी होती है।
‘Mayday’ क्या होती है और क्यों की जाती है?
‘Mayday’ शब्द अंतरराष्ट्रीय एविएशन और समुद्री इमरजेंसी का सबसे उच्च स्तरीय अलर्ट सिग्नल होता है। यह कॉल तब की जाती है जब विमान या जहाज़ पर मौजूद यात्रियों की जान को तुरंत खतरा हो और बिना मदद के जीवित बचना संभव न हो। ‘Mayday’ शब्द फ्रेंच शब्द “M’aidez” से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “मेरी मदद करें।” इसकी शुरुआत 1923 में ब्रिटिश रेडियो अफ़सर फ्रेडरिक मॉकफोर्ड ने की थी।
इस कॉल का इस्तेमाल तभी किया जाता है जब इंजन फेल हो जाए, विमान नियंत्रण से बाहर हो जाए, आग लग जाए, एयरक्राफ्ट क्रैश होने की कगार पर हो या गंभीर मेडिकल इमरजेंसी हो। पायलट रेडियो फ्रीक्वेंसी पर “Mayday, Mayday, Mayday” कहकर कॉल की शुरुआत करता है, ताकि उसमें कोई भ्रम न रहे। इसके बाद वह अपनी उड़ान की जानकारी, लोकेशन और समस्या का संक्षिप्त विवरण देता है।
Mayday मिलने पर क्या होता है?
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) उस फ्रीक्वेंसी पर बाकी सभी कम्युनिकेशन को रोक देता है
- रेस्क्यू प्रोटोकॉल तुरंत एक्टिवेट होते हैं
- आसपास के अन्य विमानों को भी सतर्क किया जाता है
- यदि पायलट से संपर्क टूट जाए, तो पास के विमान ‘मेडे रिले’ के ज़रिए कॉल को आगे बढ़ाते हैं
अहमदाबाद हादसे में मेडे कॉल का महत्व
इस हादसे में पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल द्वारा ‘मेडे’ जारी किया गया, जिससे यह साफ़ है कि उन्होंने खतरे की गंभीरता को तुरंत पहचाना और अंतिम क्षणों तक यात्रियों को बचाने की कोशिश की।
परंतु इस कॉल के बाद विमान ने ATC के किसी जवाब का उत्तर नहीं दिया, जो यह संकेत देता है कि कुछ सेकंड के भीतर ही स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
विशेषज्ञ मानते हैं कि, “मेडे कॉल दिए जाने के बावजूद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, यह एक सिस्टमिक फेल्योर का संकेत हो सकता है। जहां तकनीकी खराबी, संचार बाधा और इमरजेंसी रिस्पॉन्स सभी प्रभावित हुए।”
Read more such articles on Vichar Darpan.