भारतीय मौसम विभाग (IMD) के एक पूर्वानुमान के अनुसार इस साल देश के 85% हिस्से में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि जून के अंत तक देश के कई हिस्सों में Heatwave यानि लू का प्रकोप दो गुना बढ़ सकता है। झारखंड और बिहार समेत 9 राज्यों में गर्मी का प्रभाव सबसे ज्यादा महसूस किया जाएगा।
देश के इन हिस्सों में ज्यादा रहेगी गर्मी
पश्चिमी और पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों में तापमान सामान्य रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। आमतौर पर भारत में अप्रैल से जून तक चार से सात दिन तक लू चलती है। जिन राज्यों में सामान्य से अधिक दिन Heatwave चलने की संभावना है उनमें राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक और तमिलनाडु के उत्तरी हिस्से शामिल हैं। मौसम विभाग के अनुसार देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। सिवाय उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर के कुछ स्थानों के, जहां तापमान सामान्य या सामान्य से थोड़ा सा कम रह सकता है।
ओलावृष्टि (Hailstorms) की संभावना
मौसम वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि इस बार अल-नीनो और ला-नीना का प्रभाव न होने के कारण मौसम में असामान्य बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा अप्रैल और मई महीने में कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि की संभावना भी जताई गई है। हालांकि अनुमानों के मुताबिक मॉनसून अपने निर्धारित समय पर ही आएगा। इससे कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन तब तक तापमान सामान्य से ऊपर ही बना रहेगा। IMD ने कहा कि देश में अप्रैल में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है, जो 39.2 मिलीमीटर के दीर्घकालिक औसत का 88 से 112 फीसदी है। उत्तर-पश्चिम, पूर्वोत्तर, पश्चिम-मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कई इलाकों में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। IMD ने यह भी चेतावनी दी है कि पश्चिमी घाट में केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भूस्खलन हो सकता है और पूर्वोत्तर राज्यों में अप्रैल में बाढ़ आ सकती है।
रबी फसलों पर असर और कम उत्पादन का अनुमान
अत्यधिक गर्मी के चलते रबी फसलों पर भी असर पड़ सकता है। इस बार फसलों का रकबा 14% बढ़ा है, लेकिन उत्पादन में सिर्फ 2% से 4% तक ही बढ़ोतरी का अनुमान है। गेहूं का उत्पादन इस बार 11.54 करोड़ टन रहने की संभावना है। गर्मी के असर से कुछ क्षेत्रों में फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सरकार ने जारी की चेतावनी
सरकार ने लोगों को गर्मी से सतर्क रहने की सलाह दी है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को लू से बचाव के उपाय अपनाने की अपील की गई है। साथ ही किसान भी फसलों को गर्मी से बचाने के लिए उचित कदम उठाने की बात कही गयी है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को दिन के सबसे गर्म समय में बाहर निकलने से बचने और पानी की पर्याप्त मात्रा लेने की सलाह दी है।
विशेषज्ञों की राय
जलवायु परिवर्तन तथा बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के कारण भारत में हर साल गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में मौसम के चरम प्रभाव और अधिक देखने को मिल सकते हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत को इस साल गर्मियों के मौसम में बिजली की मांग में 9 से 10 फीसदी की वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि लू के दिनों की संख्या अधिक हो सकती है। पिछले साल, देशभर में बिजली की अधिकतम मांग 30 मई को 250 गीगावाट को पार कर गई थी, जो पूर्वानुमान से 6.3 फीसदी अधिक थी। जलवायु परिवर्तन, बिजली की मांग में वृद्धि करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है।
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