देश की राजधानी दिल्ली के प्रमुख दुर्गा पूजा स्थलों में से एक Minto Road पर हर साल भव्य Durga Puja का आयोजन किया जाता है। यहाँ स्थित दुर्गा पूजा पंडाल राजधानी के सबसे प्रसिद्ध और पुराने पूजा पंडालों में से एक है। इस पूजा स्थल का ऐतिहासिक महत्व भी काफी गहरा है, क्योंकि यहाँ 1940 से माँ काली का मंदिर स्थित है। पिछले 80 से भी अधिक सालों से हर साल Navratri के दौरान यहाँ Durga Puja का आयोजन किया जाता है, जो शहर के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
Durga Puja पंडाल की भव्यता एवं सांस्कृतिक परंपराएँ
मिंटो रोड Durga Puja का पंडाल अपनी भव्यता, पारंपरिक सजावट एवं खूबसूरत प्रतिमाओं के लिए खासतौर पर जाना जाता है। यहाँ हर साल लाखों की संख्या में भक्त माँ दुर्गा के दर्शन करने के लिए आते हैं। शाम के समय इस पंडाल के बाहर लंबी लाइनें लगती हैं, जहां लोग माँ के आशीर्वाद के साथ-साथ बंगाली सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद लेते हैं।
यह पूजा पंडाल अपने जीवंत और पारंपरिक “धुनुची नृत्य” के लिए भी प्रसिद्ध है, जो दुर्गा पूजा के दौरान विशेष आकर्षण होता है। धुनुची नृत्य में धूप से भरे मिट्टी के पात्रों को थामकर भक्तगण माँ दुर्गा की आराधना में नृत्य करते हैं। यह नृत्य पूजा के माहौल को और भी उल्लासमय बना देता है। धुनुची नवरात्रों में दुर्गा पूजा पंडालों में महानवमी में किया जाने वाला नृत्य है, जिसकी शुरुआत सप्तमी से ही हो जाती है। महिलाओं से लेकर पुरुषों तक को यह नृत्य करते हुए देखा जा सकते है। धुनुची को समान्यतया पर हाथों से पकड़कर नृत्य किया जाता है, लेकिन ऐसे लोग भी मिल जाएंगे जो इसे मुंह में दबाते हुए करतब दिखाते हैं। इस नृत्य की सबसे अच्छी बात है कि आपको इसे करने के लिए किसी ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है। इसे आप एक-दूसरे को देखकर खुद ही कर सकते हैं।दुर्गा पूजा के दौरान किए जाने वाले इस नृत्य की परंपरा आज से नहीं, बल्कि काफी पहले से चली आ रही है।यह माना जाता है कि धुनुची डांस असल में शक्ति का परिचायक है और इसका संबंध महिषासुर के वध से भी जुड़ा हुआ है। पुराणों में इस बात का जिक्र है कि अति बलशाली महिषासुर का वध करने के लिए देवताओं ने मां दुर्गा की पूजा- उपासना की थी और मां ने महिषासुर के वध से पहले अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए यही धुनुची नृत्य किया था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा जारी है। पूजा पंडालों में सप्तमी से ये नृत्य शुरू हो जाता है और अष्टमी और नवमी तक चलता है।
Bengali भोजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम
मिंटो रोड दुर्गा पूजा में भक्तों को सिर्फ धार्मिक अनुभव ही नहीं होता, बल्कि बंगाली संस्कृति का भी स्वाद चखने को मिलता है। यहाँ विभिन्न प्रकार के पारंपरिक बंगाली व्यंजन मिलते हैं, जिनमें खासतौर पर “लुची-आलू दमर”, “रसगुल्ला”, और “मिष्टी दोई” जैसे व्यंजन शामिल हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बंगाली गीत, नृत्य तथा नाटकों का आयोजन होता है, जो पूजा के दौरान उत्साह को और बढ़ा देते हैं। पारंपरिक साज-सज्जा और रंगीन रोशनी से सजे पंडाल की रौनक देखते ही बनती है।
कैसे पहुँचे Minto Road Durga Puja पंडाल?
मिंटो रोड पंडाल तक पहुँचने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन “न्यू दिल्ली” है, जो पंडाल से बेहद नजदीक स्थित है। यहाँ से आप आसानी से पैदल चलकर पंडाल तक पहुँच सकते हैं। वैसे ITO मेट्रो स्टेशन भी यहाँ से नजदीक ही है। आप यहाँ बस, अपनी गाड़ी या आटो से भी पहुँच सकते हैं। मिंटो रोड कनाट प्लेस के पास ही स्थित है।
दिल्ली में मिंटो रोड दुर्गा पूजा पंडाल न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह बंगाली संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक भी है। दशकों से यहाँ होने वाले इस आयोजन ने अपनी खास पहचान बनाई है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ आकर इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनते हैं।
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