प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2022 को लाल किले की प्राचीर से दिए अपने संबोधन में अनुसंधान और विकास (R&D) की महत्ता पर जोर देते हुए “जय अनुसंधान” का नारा दिया। उनके इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए और आत्मनिर्भर भारत व विकसित भारत @2047 की दिशा में, केंद्र सरकार ने वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ONOS) योजना को मंजूरी दी है। यह योजना देशभर के छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध लेखों और जर्नल्स तक मुफ्त डिजिटल पहुंच प्रदान करेगी।
योजना की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने अनुसंधान को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विकास के लिए महत्वपूर्ण माना है। सरकार द्वारा अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) की स्थापना इसी दिशा में एक कदम था। अब वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना के माध्यम से, उच्च शिक्षा संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध-पत्र और जर्नल्स तक आसान और नि:शुल्क पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के शोधकर्ताओं, शिक्षकों और छात्रों को ज्ञान के खजाने तक समान पहुंच प्रदान करना है, जिससे भारत वैश्विक अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बना सके।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- सभी सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों को शामिल करना यह योजना लगभग 6,300 सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास (R&D) संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स तक पहुंच प्रदान करेगी। इसका लाभ 1.8 करोड़ छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को मिलेगा, जिसमें टियर 2 और टियर 3 शहरों के संस्थान भी शामिल हैं।
-
योजना के लिए जागरूकता अभियान
शिक्षा मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों द्वारा इस योजना के बारे में जानकारी बढ़ाने और उपयोग बढ़ाने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) अभियान चलाए जाएंगे। राज्य सरकारों को भी इस दिशा में सहयोग करने के लिए कहा गया है।
30 अंतरराष्ट्रीय जर्नल प्रकाशकों से समझौता योजना के अंतर्गत 13,000 से अधिक ई-जर्नल्स को 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।
INFLIBNET द्वारा प्रबंधन
इस योजना को इन्फॉर्मेशन एंड लाइब्रेरी नेटवर्क (INFLIBNET) द्वारा संचालित किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी और उपयोगकर्ताओं के लिए सरल और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाई जाएगी।3 साल का वित्त पोषण
योजना के लिए 2025, 2026 और 2027 के तीन वर्षों के लिए कुल ₹6,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं। यह एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में कार्य करेगी।इंटरडिसिप्लिनरी अनुसंधान को प्रोत्साहन यह योजना विभिन्न विषयों के शोधकर्ताओं को एक साथ काम करने और बहु-विषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करेगी।
शिक्षा और अनुसंधान पर प्रभाव
शोधकर्ताओं के लिए सुविधाजनक अनुसंधानअब भारत के छोटे और दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों और शोधकर्ताओं को भी वही उच्च गुणवत्ता वाले जर्नल्स तक पहुंच प्राप्त होगी, जो अब तक केवल बड़े संस्थानों के पास उपलब्ध थी।
अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा
अनुसंधान संसाधनों की सुलभता के कारण, भारतीय शोधकर्ताओं के लिए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना आसान होगा।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को समर्थन
NEP 2020 के तहत उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लक्ष्यों को यह योजना सशक्त बनाएगी।आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम यह योजना भारतीय शोधकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय ज्ञान और संसाधनों का उपयोग कर नए आविष्कार करने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
निष्कर्ष
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना भारत की शिक्षा और अनुसंधान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है। यह न केवल छात्रों और शिक्षकों को उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान संसाधनों तक पहुंच प्रदान करेगी, बल्कि वैश्विक अनुसंधान में भारत की भागीदारी को भी मजबूत करेगी। यह योजना भारत को विक्सितभारत@2047 के लक्ष्य की ओर अग्रसर करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
“जय अनुसंधान” के इस संदेश के साथ, भारत अब अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखने की तैयारी में है।