जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकवादी हमले के बाद India-Pakistan के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया है। India ने कठोर रुख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित करने, बॉर्डर क्रॉसिंग बंद करने और Pakistani नागरिकों के वीज़ा रद्द करने जैसे कड़े फैसले लिए हैं। वहीं Pakistan ने भी पलटवार करते हुए शिमला समझौते से अलग होने की घोषणा की है और स्पष्ट कर दिया है कि India द्वारा पानी रोकने की कोई भी कोशिश ‘जंग की कार्रवाई’ मानी जाएगी।
India के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में अपनी हालिया रैली में तीखा संदेश देते हुए कहा, “अब आतंकियों की बची ज़मीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है।” दूसरी ओर, Pakistan के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने चेतावनी दी है कि ‘अगर India दुस्साहस करता है तो उसे 2019 जैसे जवाब के लिए तैयार रहना चाहिए’।
सैन्य ताकत की तुलनात्मक तस्वीर

आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि सैन्य ताकत के मामले में India Pakistan से कहीं अधिक सक्षम और संगठित है। Global Firepower 2025 की रैंकिंग में India चौथे स्थान पर है जबकि Pakistan बारहवें स्थान पर। Indiaीय सेना में लगभग 22 लाख सैनिक हैं और उसके पास 4,201 टैंक हैं, जबकि Pakistan के पास लगभग 13.11 लाख सैनिक और 2,627 टैंक हैं। वायुसेना की बात करें तो India के पास 2,229 विमान हैं जिनमें 513 फाइटर और 270 ट्रांसपोर्ट विमान शामिल हैं, वहीं Pakistan के पास 1,399 विमान हैं जिनमें 328 फाइटर जेट हैं। Indiaीय नौसेना 293 पोतों के साथ सशक्त है, जिनमें 2 एयरक्राफ्ट कैरियर और 18 पनडुब्बियाँ शामिल हैं, जबकि Pakistan के पास केवल 121 पोत हैं और उसमें भी सिर्फ 8 पनडुब्बियाँ हैं। ड्रोन्स के क्षेत्र में भी India तेजी से आगे बढ़ रहा है और अगले 2-4 वर्षों में 5,000 से अधिक ड्रोन्स तैनात करने का अनुमान है, जबकि Pakistan तुर्की और चीन से आयातित अत्याधुनिक ड्रोन जैसे Bayraktar TB2 और Wing Loong II पर निर्भर है। परमाणु हथियारों के मामले में India के पास 172 वॉरहेड हैं जबकि Pakistan के पास 170 हैं। लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में भी India काफी आगे है – देश में 311 एयरपोर्ट, 56 बंदरगाह और 63 लाख किमी लंबा सड़क नेटवर्क है, जबकि Pakistan के पास केवल 116 एयरपोर्ट, 3 बंदरगाह और सीमित रेल व सड़क नेटवर्क है। इन सभी तथ्यों से स्पष्ट होता है कि India की सैन्य शक्ति हर दृष्टि से Pakistan से कहीं अधिक मजबूत और उन्नत है।
Nuclear Strength की अनिश्चितता
स्वीडन के SIPRI थिंक टैंक के अनुसार, दोनों देशों के पास 170 से अधिक परमाणु वॉरहेड हैं, लेकिन तैनाती की स्पष्ट जानकारी नहीं है। Pakistan की रणनीति India की पारंपरिक सैन्य बढ़त की भरपाई परमाणु क्षमता से करना है, जबकि India की नज़र लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों और चीन तक की पहुँच बनाने पर है।
जानकारों की राय क्या है
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एसएच पनाग ने आगाह किया है कि India को जल्दबाज़ी में कदम नहीं उठाना चाहिए क्योंकि Pakistan जवाब देने की क्षमता रखता है, चाहे वह पारंपरिक हो या असममित युद्ध। द प्रिंट में लिखे एक लेख में उन्होंने लिखा है कि Pakistan परमाणु हथियार संपन्न देश है और Indiaीय सेना के सीमित सैन्य कार्रवाई का जवाब देने के लिए उसके पास पर्याप्त पारंपरिक शक्ति है।
दूसरी तरफ बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में Pakistan के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़ ने अपनी सेना की तैयारी के बारे में कहा, “हमें तैयारी नहीं करनी है. हम तैयारी कर चुके हैं. हम किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं.”
शनिवार को Pakistan के प्रधानमंत्री शहनावज़ शरीफ़ ने भी कहा कि’अगर किसी तरह की दुस्साहसिक कार्रवाई की जाती है तो 2019 की तरह की जवाब दिया जाएगा। उनका इशारा पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद India की ओर से बालाकोट में हवाई हमले की ओर था जब दोनों देशों की वायु सेनाओं में सीमित झड़प हुई थी।
अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन्स और भारत की बढ़ती ड्रोन शक्ति
रक्षा मामलों के विश्लेषक राहुल बेदी के अनुसार, India के पास अगले दो से चार सालों में लगभग पांच हज़ार ड्रोन्स होंगे। पिछले साल अक्तूबर में India ने अमेरिका से साढ़े तीन अरब डॉलर मूल्य के 31 प्रीडेटर ड्रोन्स ख़रीदने का समझौता किया था। प्रीडेटर ड्रोन्स दुनिया के सबसे कामयाब और ख़तरनाक ड्रोन माने जाते हैं। India द्वारा अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन्स की खरीद इसके निगरानी और हमलावर क्षमता में बड़ा इज़ाफा है। वहीं Pakistan भी चीन, तुर्की, जर्मनी और इटली से आधुनिक ड्रोन प्रणाली में निवेश कर रहा है।
India और Pakistan के बीच मौजूदा तनाव केवल पारंपरिक या राजनीतिक स्तर तक सीमित नहीं है। यह संघर्ष अब जल संसाधनों, रणनीतिक डोमिनेंस और तकनीकी सैन्य बढ़त तक पहुँच गया है। दोनों देशों की ताकतों का तुलनात्मक अध्ययन बताता है कि किसी भी संघर्ष की कीमत भारी होगी। इसलिए कोई भी निर्णय सोच समझकर किया जाना चाहिए।
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